मंगलवार, 5 जनवरी 2010

PRAYER

O LORD, THE DISPELLER OF IGNORANCE.
THOU ART ALL-MERCIFUL LORD!
LET ME BE FREE FROM GREED, LUST,
EGOISM, JEALOUSY AND HATRED.
I MAY RADIATE JOY, PEACE AND BLISS
TO THE WHOLE WORLD. LET ME UTILISE
THIS BODY, MIND AND SENSES IN THY SERVICE
AND IN THE SERVICE OF THE CREATURES.
LET ME LOVE ALL AS MY OWN SELF!
SALUTATIONS UNTO THEE, O LORD OF COMPASSION!
हे प्रभु, अज्ञान को दूर करने वाले!
आप ही करूणा के सागर हैं! मुझे लोभ, वासना, अह्म,
ईर्ष्या और शत्रुता से मुक्त करो। मुझे समस्त विश्व में सुख,
शान्ति और आनन्द फैलाने की शक्ति दो। मैं अपने शरीर,
मन और बुद्धि से तुम्हारी और सृष्टि के जीवों की सेवा करूं।
मैं सबको अपना स्वरूप मान कर प्रेम करूं!
हे करूणा के सागर, मेरा तुम्हें बारम्बार नमस्कार है!
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