गुरुवार, 28 जनवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 28.01.10

What is success? Is it material prosperity and thriving on well in this world with plenty of money and children, or something else? Success is of two kinds, viz., worldly success and spiritual success. If you are in good, affluent circumstances, if you have everything that this world can give you, this is worldly success. This alone will not suffice. Because, this world is imperfect. You must have success in the spiritual world and in the path of realisation as well. Then only you will have complete or perfect success.
(Swami Sivananda)
सफलता क्या है? क्या इसका अर्थ भौतिक खुशहाली और इस संसार में अधिक धन, परिवार की प्राप्ति है या कुछ और भी है? सफलता दो तरह की है, सांसारिक सफलता और आध्यात्मिक सफलता। यदि आप धनी और साधन-संपन्न है और आपके पास वह सब कुछ है जो भी यह संसार आपको दे सकता है, यह सांसारिक सफलता है। केवल यही प्रयाप्त नहीं है। क्योंकि यह संसार अपूर्ण है। तुम्हें आध्यात्मवाद के क्षेत्र और यथार्थवाद के पथ पर भी सफलता पाना आवश्यक है। तभी आप पूर्ण और अखण्ड सफलता पा सकोगे।

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