शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 26.02.10

THINGS TAKE TIME TO RIPEN,
HASTE SERVES NO END,
THE PLANT FRUCTIFIES ON TIME,
HOWSOEVER HARD YOU TEND.
(Varind Kavi by K.C. Kanda)
कारज धीरे होत है, काहे होत अधीर।
समय पाय तरुवर फरै, केतिक सींचौ नीर।।

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 25.02.10

EVERYMAN GIVES RESPECT TO
A MAN OF STATE AND WEALTH,
NONE BUT GOD HELPS A MAN,
SANS A FRIEND, STARVED OF PELF.
समय दसा कुल देखि कै, सबै करत सनमान।
रहिमन दीन अनाथ को, तुम बिन को भगवान।।

बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 24.02.10

IT IS NOT COMPASSION THAT SHOULD
IMPEL US TO WORK FOR OTHERS, BUT
RATHER THE IDEA OF SERVICE TO MAN,
RECOGNISING HIM TO BE THE VERITABLE
MANIFESTATION OF LORD SIVA.
(Sri Ramakrishna)
हमें करुणावश दूसरों के लिए कार्य नहीं करना है
परन्तु मनुष्य की सेवा का भाव होना चाहिए,
क्योंकि मनुष्य ही भगवान शिव का सत्-स्वरुप है।

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 23.02.10

A CLEAN-HEARTED MAN OF TRUTH,
FREE FROM EVIL DEEDS,
EVEN IN THE IRON AGE,
A BLISSFUL LIFE DOTH LEAD.
(Tulsidas by K.C. Kanda)
सत्यवचन मानस विमल, कपट रहित करतूति।
तुलसी रघुवर कृपा तें सकै न कलियुग धूरि।।

सोमवार, 22 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 22.02.10

A SAINT, A TREE, A WATER TANK,
AND A SHOWER OF RAIN,
ALL THE FOUR ARE BORN TO SERVE
WITHOUT AN EYE ON GAIN.
(Kabir by K.C.Kanda)
तरुवर सरवर संत जन चौथे बरसे मेह।
परमारथ के कारणे चारों धारें देह।।

DIVINE MESSAGE - 22.02.10

GOD CAN DO WHATEVER HE WANTS,
MAN IS WEAK AND VAIN,
GOD CAN CHANGE A MOUNT TO A HILL,
MAKE IT MOUNT AGAIN.
(Kabir by K.C. Kanda)
सांई से सब होत है बंदे से कुछ नांय।
राई से पर्वत करे पर्वत राई नांह।।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 19.02.10

DEVELOP JOYFUL NATURE. ALWAYS KEEP
A SMILING AND CHEERFUL FACE. THIS WILL
GIVE YOU A GOOD PERSONALITY. PEOPLE WILL
LIKE YOU MUCH. HAVE AN AMIABLE NATURE,
A MODEST AND UNASSUMING TEMPERAMENT.
स्वभाव सदा खुशदिल होना चाहिए। चेहरे पर मुस्कान
और आनन्द खिला रहना चाहिए। इससे व्यक्तित्व का
विकास होता है। खुशदिल व्यक्ति को सभी लोग
मानते हैं। प्रसन्नचित्त और सतत् मुस्कान के साथ-साथ
गम्भीरता, विचारशीलता, मर्यादा और प्रसंगशीलता
का पुट भी मिला रहना चाहिए।

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 18.02.10

IF YOU HAVE THE BOW OF PATIENCE,
WITH THE STRING OF PATIENCE TAUT,
ON TOP AN ARROW, PATIENCE-STEELED,
GOD WILL HELP YOUR CAUSE.
(Sheikh Farid by K.C. Kanda)
सब्र की मन में कमान हो, सब्र की ही हो डोर।
सब्र का ही जब तीर हो, ख़ालिक़ तेरी ओर।।

बुधवार, 17 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 17.02.10

COMPANY OF THE NOBLE SOULS
BRINGS JOY UNTOLD,
WHEN A KING PERFUMES HIS ROBES,
FRAGRANCE FILLS THE COURT.
उत्तम जन के संग में, सहजै ही सुख-भास।
जैसे नृप लावे अतर, लेत सभा जन बास।।
(वरिन्द कवि)

मंगलवार, 16 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 16.02.10

NARROW IS THE LANE OF LOVE,
ALLOWING ONLY ONE TO PASS,
IF 'I' LIVES, GOD DEPARTS,
WHEN GOD ARRIVES, 'I' DISSOLVES.
रहिमन गली है सांकरी, दूजो ना ठहराहिं।
आपु अहै तो हरि नहीं, हरि तो आपुन नाहिं।।

सोमवार, 15 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 15.02.10

A man of pleasant nature with the spirit of service,
with humility and obedience, can influence millions.
The law of "like attracts like" operates in the physical
and mental planes. A man of strong personality need
not send invitations to people, they are attracted to him,
just as bees come and perch as soon as flowers blossom.
(Swami Sivananda)
अच्छे स्वभाव वाला व्यक्ति, जिसमें सेवा की भावना, चरित्र की

नम्रता और आज्ञाकारिता का पुट हो, वह लाखों को प्रभावित
कर सकता है। आप चाहे मानसिक विचारभूमि की बात
कहिए या स्थूल जगत् की, सभी जगह एक उभयनिष्ठ
नियम है कि समान स्वभाव और गुणशील पदार्थ एक-दूसरे
से प्रभावित हो जाते हैं। मजबूत व्यक्तित्व वाले इन्सान को
आत्म-प्रदर्शन की आवश्यकता नहीं रहती, बल्कि भंवरे
जिस प्रकार फूल की और अपने-आप दोड़े जाते हैं, समाज
भी वैसे ही उसकी ओर आकर्षित होकर चला आता है।

शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 12.02.10

IN THIS WORLD, O TULSI,
THESE ARE THE GAINFUL DEEDS,
SELFLESS SERVICE, MEDITATION,
ATTENDING SPIRITUAL MEETS.
तुलसी या संसार में, तीन वस्तु हैं सार।
इक सत्संग अरु हरिभजन, निस दिन पर उपकार।।

DIVINE MESSAGE - 11.02.10

IF YOU GET IT IN YOUR HEAD TO SLIT SOMEONE'S SOUL,
REMEMBER HE'LL SPARE YOU NOT, BEWARE HIS REVENGEFUL BLOW.
कहता हूं कह जात हूं कहा जो मन हमार। जाको गला तुम काट हो वह काटे तुम्हार।। (कबीर)

बुधवार, 10 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 10.02.10

HE WHO SPEAKS THE TRUTH AND LIVES
DISCIPLINED LIFE BECOMES A GREAT AND
DYNAMIC PERSONALITY. EVEN IF HE SPEAKS
A SINGLE WORD, THERE IS POWER IN IT AND
PEOPLE ARE MAGNETISED. CHARACTER-BUILDING
IS OF PARAMOUNT IMPORTANCE IF A MAN WANTS
TO DEVELOP HIS PERSONALITY.
(Swami Sivananda)
जो व्यक्ति सत्यवादी और ब्रह्मचारी हो, समाज में उसकी

देवतुल्य प्रतिष्ठा होती है। ऐसा व्यक्ति एक शब्द भी बोले,
तो उसका अलग विशिष्ट प्रभाव तथा आकर्षण होता है।
यदि आप अपने व्यक्तित्व को प्रभावशाली और आकर्षक
बनाना चाहते हैं तो सर्वप्रथम चरित्र का निर्माण कीजिए।

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 09.02.10

I SHUDDER TO THINK OF THOSE
WHO DO NOT THINK OF GOD,
BOTH HERE AND HEREAFTER,
THEY WILL RUE THEIR LOT.
देख के उनको डर लगे, भूल गये जो नाम।
ढेरों दुख पायें यहां, आगे न कोइ मक़ाम।।
(शेख़ फरीद)

सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 08.02.10

A MAN WHO HAS ATTAINED ETHICAL PERFECTION
BY CONTINUED PRACTICE OF RIGHT CONDUCT
HAS ALSO GOT A MAGNETIC PERSONALITY.
HE CAN INFLUENCE MILLIONS.
(Swami Sivananda)
यम और नियम के अभ्यास से जिस व्यक्ति ने नैतिक उन्नति

कर ली हो, उसकी आत्मा भी महान् और आकर्षक हो जाती है,
अर्थात् उसका व्यक्तित्व तेजस्वी हो जाता है।
वह लाखों को आत्म-प्रभावित कर सकता है।

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 05.02.10

ONE MUST LOVE ALL. NO ONE IS A STRANGER. IT IS GOD ALONE THAT EXISTS IN ALL BEINGS. NOTHING EXISTS WITHOUT HIM. NEVER THINK THAT YOU ALONE HAVE TRUE UNDERSTANDING AND THAT OTHERS ARE FOOLS.
(Sri Ramakrishna)
हमें सबसे प्रेम हो। कोई भी पराया नहीं है। केवल नारायण ही सब जीवों में बसते हैं। उसके सिवा कुछ भी नहीं है। कभी ऐसा विचार न करो कि केवल तुम ही समझदार हो और अन्य मूर्ख हैं।

गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 04.02.10

IMPROVE YOUR WORTH, ENRICH YOUR SOUL,
FORGET ABOUT THE SURFACE SHOW,
YOU CANNOT SELL A DRY COW,
EVEN IF YOU TRUMPETS BLOW.
(Varind Kavi)
आडम्बर तजि कीजिए, गुण-संग्रह चित चाय।
छीर रहित गउ ना बिकै, आनिय घंट बंधाय।।

बुधवार, 3 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 03.02.10

THE GREAT HATE SELF-PRAISE,
HOLLOW BOAST DESPISE,
DOES THE DIAMOND EVER SAY:
MILLIONS IS MY PRICE?
(Rahim)
बड़े बड़ाई ना करैं, बड़ों न बोलैं बोल।
रहीमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल।।

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010

Do not have any Moha(infatuation) for this perishable body. Identification with this body is the root-cause for bondage and human miseries and sufferings. Do not become a slave to this body. It must obey your orders at all times and under all conditions, and not you its order. You must be prepared to give this body up, and dedicate it to a just and noble cause.
(Swami Sivananda)
इस नश्वर शरीर के लिए कोई मोह नहीं करना चाहिए। इस शरीर के साथ संबंध जोड़ना तुम्हारे बंधन या मनुष्य-जीवनगत सभी दुखों और कष्टों का मूल कारण है। इस शरीर के दास न बनो, यह हर समय तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करे, न कि तुम इसकी। न्यायपूर्वक कार्य तथा लोकोपकार के लिए शरीर को समर्पण करने के लए सदा सन्नद्ध रहें।

सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

DIVINE MESSAGE - 01.02.10

TO SPEAK AND ACT WITHOUT A THOUGHT,
IGNORING TIME AND PLACE,
IS SINNING ON THE GANGA BANKS,
OR SIGHING BENEATH THE BLISSFUL SHADE.
(Tulsidas)
देश, काल, करता, करम, वचन विचार विहीन।
ते सुरतरु तर दारिदी, सुरसरि तीर मलीन।।