बुधवार, 28 अक्तूबर 2009

DIVINE MESSAGE - 28.10.09

COMPASSION IS THE SOUL OF VIRTUE,
VANITY IS THE EVIL'S SEED,
ABANDON NOT COMPASSION
AS LONG AS YOU BREATHE.
दया धर्म का मूल है, पाप मूल अभिमान।
तुलसी दया न छोडिए, जब लग घट में प्राण।।

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1 टिप्पणी:

अविनाश वाचस्पति ने कहा…

बहुत पसंद आया है आपकाब्‍लॉग और इसकी पोस्‍टें। पर अनंत जी शब्‍द पुष्टिकरण निष्क्रिय कर दीजिए। अच्‍छा रहेगा।