IF THERE IS PRIDE, THINK OF HUMILITY.
IF THERE IS JEALOUSY, THINK OF
NOBILITY AND MAGNANIMITY.
यदि तुम्हें अहंकार है, तो विनम्रता का विचार करो।
यदि द्वेष की भावना प्रबल है तो भद्रता और
उदारता के विषय में विचार करो।
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बुधवार, 7 अक्टूबर 2009
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1 टिप्पणी:
भद्रता , उदारता और विनम्रता से द्वेष की भावना
जरुर दूर होती है ...!!
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