बुधवार, 26 अगस्त 2009

DIVINE MESSAGE - 26.08.09

ACTS OF SACRIFICE, CHARITY AND
PENANCE ARE NOT TO BE GIVEN UP,
THEY MUST BE PERFORMED. FOR
SACRIFICE, CHARITY AND PENANCE,
ALL THESE ARE PURIFIERS OF WISE MEN.
(Gita)
यज्ञ, दान और तपरूप कर्म त्याग करने के योग्य नहीं है,
उन्हें अवश्य सम्पन्न करना चाहिये। क्योंकि यज्ञ, दान और
तप, ये तीनों ही कर्म बुद्धिमान पुरुषों को पवित्र करने वाले हैं।

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