HE WHO WANTS NOTHING, IS INTERNALLY
AND EXTERNALLY PURE, IS WISE,
IMPARTIAL AND HAS RISEN ABOVE
ALL DISTRACTIONS, RENOUNCING ALL
NEW ACTION FOR PLEASURE,
SUCH A DEVOTEE IS DEAR TO ME.
(Gita)
जो मनुष्य आकांक्षा से रहित, बाहर-भीतर से शुद्ध,
चतुर, उदासीन, सभी कष्टों से मुक्त, सभी कर्मौं के
आरम्भ का त्यागी है, वह मेरा भक्त मुझे प्रिय है।
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बुधवार, 5 अगस्त 2009
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