Do not have any Moha(infatuation) for this perishable body. Identification with this body is the root-cause for bondage and human miseries and sufferings. Do not become a slave to this body. It must obey your orders at all times and under all conditions, and not you its order. You must be prepared to give this body up, and dedicate it to a just and noble cause.
(Swami Sivananda)
इस नश्वर शरीर के लिए कोई मोह नहीं करना चाहिए। इस शरीर के साथ संबंध जोड़ना तुम्हारे बंधन या मनुष्य-जीवनगत सभी दुखों और कष्टों का मूल कारण है। इस शरीर के दास न बनो, यह हर समय तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करे, न कि तुम इसकी। न्यायपूर्वक कार्य तथा लोकोपकार के लिए शरीर को समर्पण करने के लए सदा सन्नद्ध रहें।
मंगलवार, 2 फ़रवरी 2010
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