A SAINT, A TREE, A WATER TANK,
AND A SHOWER OF RAIN,
ALL THE FOUR ARE BORN TO SERVE
WITHOUT AN EYE ON GAIN.
(Kabir by K.C.Kanda)
तरुवर सरवर संत जन चौथे बरसे मेह।
परमारथ के कारणे चारों धारें देह।।
सोमवार, 22 फ़रवरी 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें