IT IS NOT COMPASSION THAT SHOULD
IMPEL US TO WORK FOR OTHERS, BUT
RATHER THE IDEA OF SERVICE TO MAN,
RECOGNISING HIM TO BE THE VERITABLE
MANIFESTATION OF LORD SIVA.
(Sri Ramakrishna)
हमें करुणावश दूसरों के लिए कार्य नहीं करना है
परन्तु मनुष्य की सेवा का भाव होना चाहिए,
क्योंकि मनुष्य ही भगवान शिव का सत्-स्वरुप है।
बुधवार, 24 फ़रवरी 2010
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1 टिप्पणी:
जब भी आता हूं
बहुत कुछ सीख कर
ही वापिस जाता हूं।
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