THERE IS SUCH A THING AS LOVING GOD
WITHOUT KNOWING WHY. IF THIS COMES,
THERE IS NOTHING MORE TO DESIRE. ONE
ENDOWED WITH DEVOTION SAYS, "O LORD,
I DO NOT WANT RICHES, FAME, HEALTH,
HAPPINESS OR ANYTHING ELSE. GRANT THAT I
MAY HAVE PURE DEVOTION TO THY LOTUS FEET."
(Sri Ramakrishna)
ईश्वर ही एक ऐसी वस्तु है जिसे हम बिना जाने
प्रेम करते हैं। यदि ऐसा होता है तो इससे अधिक
कोई कामना नहीं रहती। भक्तियुक्त मनुष्य कहता है,
"हे प्रभु! मुझे धन-दौलत, मान-प्रतिष्ठा, सुख-शान्ति,
स्वास्थय अथवा अन्य कुछ भी नहीं चाहिये।
मुझे अपने कमलरूपी चरणों की पूर्ण भक्ति दो।"
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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009
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