One should know how to behave and adjust
himself with other people. You must talk
sweetly and gently. This produces a
tremendous impression. You must be polite,
civil, courteous. You must treat others with
respect and consideration. He who shows
respect to others is respected in turn.
(Swami Sivananda)
दूसरों के साथ कैसे मिलना और कैसे व्यव्हार करना है
इसका ज्ञान भी जरुरी है. धीरे से बोलना चाहिए, मन
को प्रियकर ही बोलना चाहिए. ऐसे सवभाव से अमिट
प्रभाव का जन्म होता है. सज्जनता, मिलनसार स्वभाव
और नेक आदत का विकास करना चाहिए. दूसरों के साथ
मान और आदर का बर्ताव करना चाहिए. जो दूसरों का
आदर करता है, अवश्य दूसरों के आदर का पात्र बनता है.
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1 टिप्पणी:
Very true. Thank you.
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