गुरुवार, 10 सितंबर 2009

DIVINE MESSAGE - 10.09.09

THINKING TOO MUCH IS A HINDRANCE IN THE
EXECUTION BY THE WILL. IT BRINGS CONFUSION,
DIFFIDENCE AND PROCRASTINATION. THE
OPPORTUNITY WILL SLIP AWAY. YOU MUST THINK
RIGHTLY AND, AT THE SAME TIME, FEEL RIGHTLY.
THEN THE 'WILL' IS BOUND TO SUCCEED.
(Swami Sivananda)
विचारों की अधिकता संकल्पित कार्यों की सफलता में
बाधा पहुंचाती है। इससे भ्रान्ति, संशय और दीर्घसूत्रता
का उदय होता है। अवसर हाथ से निकल जाते हैं।
अतः उचित रीति से सोचना चाहिए और उचित अनुभव
ही करने चाहिए, तभी संकल्प की सफलता निश्चित होगी।


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