Understand the glory, splendour and power of the
Self which is at the back of your mind, thought, will
and memory. Understand the magnanimity and
immortal nature of that hidden inter-penetrating,
indwelling essence. Know that this Self is the storehouse
for all knowledge, bliss, power, beauty, peace and joy.
(Swami Sivanada)
तुम्हारे मन, विचार, संकल्प और स्मृति की आड़ में
और क्या है? केवल आत्मा ही है। आत्मा की महिमा
और शक्ति को पहचानो, उसकी महत्ता के गौरव का
ध्यान करो। वह सबमें व्यापक है, सबकी रग-रग में
समाया हुआ है। वह ज्ञान, आनन्द, शक्ति, सौन्दर्य,
शान्ति और स्मृद्धि तथा कल्याण एवं सुख का भण्डार है।
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गुरुवार, 3 सितंबर 2009
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1 टिप्पणी:
आपका ब्लोग देखा, निश्चय ही अज्ञ्यानता के अंधेरों से उजालों की ओर ले जाने का एक सरल रास्ता है ।
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