बुधवार, 22 जुलाई 2009

DIVINE MESSAGE - 22.07.09

WHO IS CONTENDED WITH WHATEVER IS
GOT UNSOUGHT, FREE FROM ANTITHETIC
INFLUENCE AND ENVY, BALANCED IN SUCCESS
AND FAILURE, EVEN THOUGH PERFORMING
ACTION, IS NOT BOUND BY HIS ACTIONS.
(Gita)

जो अपने आप बिना इच्छा के प्राप्त हुए लाभ से संतुष्ट
रहता है, जो द्वन्द्व से मुक्त है और ईर्ष्या नहीं करता
- जो सफलता तथा असफलता में समान रहता है,
वह कर्म करता हुआ भी उनसे नहीं बंधता।

If interested in reading all previous messages also, click here:
http://groups.google.com/group/anant-sevashram

कोई टिप्पणी नहीं: