मंगलवार, 24 नवंबर 2009

DIVINE MESSAGE - 23.11.09

PRACTISE SELF-DENIAL, SELF-ABNEGATION
AND SELF-SACRIFICE. LEAD A CONTENTED,
HAPPY LIFE. USE THIS BODY AS A BOAT FOR
CROSSING THE RIVER OF LIFE TO THE

OTHER SHORE OF IMMORTALITY AND
FEARLESSNESS.
(Swami Sivananda)
आत्म-निषेद्य, आत्म-त्याग और आत्म-बलिदान

के लिए सदा तैयार रहो। सन्तुष्ट और सुखी जीवन
व्यतीत करना सीखो। इस नौका-रूपी शरीर को
जीवन-रूपी नदी को पार करने के लिए,
दूसरा किनारा अर्थात मोक्ष की प्राप्ति के लिए
उपयोग करना चाहिए।
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