PRACTISE SELF-DENIAL, SELF-ABNEGATION
AND SELF-SACRIFICE. LEAD A CONTENTED,
HAPPY LIFE. USE THIS BODY AS A BOAT FOR
CROSSING THE RIVER OF LIFE TO THE
OTHER SHORE OF IMMORTALITY AND
FEARLESSNESS.
(Swami Sivananda)
आत्म-निषेद्य, आत्म-त्याग और आत्म-बलिदान
के लिए सदा तैयार रहो। सन्तुष्ट और सुखी जीवन
व्यतीत करना सीखो। इस नौका-रूपी शरीर को
जीवन-रूपी नदी को पार करने के लिए,
दूसरा किनारा अर्थात मोक्ष की प्राप्ति के लिए
उपयोग करना चाहिए।
If interested in reading all previous messages also, click here:
www.groups.google.com/group/anant-sevashram
मंगलवार, 24 नवंबर 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें